A Simple Key For sidh kunjika Unveiled



देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।

विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ ९ ॥

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके read more कुश के आसन पर बैठें.

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे॥

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।

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